Virya Paustik (वीर्य पौष्टिक चूर्ण), 200gm

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200gm

शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि और नपुंसकता के लिए आयुर्वेदिक दवा और तरीके – Increase Sperm Count शुक्राणु के माध्यम से पुरूषों की प्रजजन शक्ति का पता लगाया जाता है। बच्चा पैदा करने के लिए मजबूत या शक्तिशाली शुक्राणु की आवश्यकता होती है।शुक्राणु स्त्री के अंडाणु से संयोग करके गर्भ में परिवर्तित हो जाता है। वीर्य में शुक्राणुओं की कमी या कमजोर शुक्राणु होने पर आपकी प्रजजन शक्ति कमजोर होती है।पुरुष के शुक्राणु और स्त्री के अंडाणु के मिलने पर नए जीवन की शुरुआत होती है। प्रजनन के लिए केवल एक ही शुक्राणु का अंडाणु से मिलना ज़रूरी है। संतान के लिए स्त्री और पुरुष दोनों ही जिम्मेदार हैं। स्त्रियों में जहाँ संतान नहीं होने के कई कारण हो सकते हैं वही पुरुष में इसके केवल दो कारण संभव हैं, पहला नपुंसकता और दूसरा वीर्य में शुक्राणुओं Sperms से सम्बंधित समस्या। शुक्राणु की संख्या, शेप, साइज़ और गति सभी कुछ फर्टिलिटी को प्रभावित करते हैं। एवरेज के हिसाब से यह कहा जा सकता है कि पुरुष के हर स्खलन में 2 मिलीलीटर से 5 मिलीलीटर वीर्य पेनिस से निकलता है और करीब प्रत्येक मिलीलीटर में 20 मिलियन से 300 मिलियन शुक्राणु कोशिकाओं sperm cells से हो सकती है। कम शुक्राणु गणना : 20 मिलियन से कम शुक्राणु / मिलीलीटर (नए डब्ल्यूएचओ मानदंडों से पता चलता है कि 15 मिलियन से अधिक प्रति मिलीलीटर की शुक्राणु की संख्या भी सामान्य है और इस गिनती वाले पुरुषों को ठीक माना जाना चाहिए) खराब शुक्राणु संख्या : 10 मिलियन प्रति मिलीलीटर से नीचे। बहुत कम शुक्राणु गणना : प्रति मिलियन से कम 5 मिलियन। क्या है नपुंसकता (What is impotency and erectile dysfunction)? मैथुन क्षमता (ability to have sex) की असमर्थता या लिंग की ऐसी शिथिलता (flaccidity), लिंग के ढीलेपन, लिंग में सख्ती की कमी कि वह स्त्री योनि में प्रविष्ट न हो पाए, नपुंसकता है. सादी ज़बान में कहा जाये तो स्त्री के पास होने पर भी लिंग का खड़ा न हो पाना (lack of a sustainable erection) नपुंसकता है. नपुंसकता कई वजहों से पैदा हो सकती है. नपुंसकता को इंग्लिश में इम्पोटैंसी कहते हैं. मॉडर्न मेडिकल साइंस (modern medical science) में इसके लिए अलग से मेडिकल टर्म (medical term) भी है: इरेक्टाइल डिसफंक्शन (erectile dysfunction). इम्पोटेंसी या इरेक्टाइल डिसफंक्शन की कई वजहें हो सकती हैं, उनमें दो ख़ास हैं: मानसिक (Psychological) शारीरिक (Physical) मानसिक या psycological वजह से भी कई बार लिंग खड़ा (erection) नहीं हो पाता. कई बार व्यक्ति जब मानसिक रूप से तनावग्रस्त होता है तो चाहते हुए भी लिंग में उत्थान नहीं हो पाता है. अधिक थकान भी कई बार लिंग को खड़ा नहीं होने देती है. शारीरिक कारणों को भी दो वजहों में बाँटा जा सकता है: प्राइमरी (primary) और सेकेंडरी (secondary) सेकेंडरी कारण वे होते हैं जबकि प्रॉब्लम सेक्स सम्बन्धी न होकर कुछ और होती है पर वह समस्या मरदाना ताक़त को भी प्रभावित करती है जैसे डायबिटीज (diabetes). डायबिटीज यानि शुगर की बीमारी जोकि आजकल काफी आम हो गयी है में भी नपुंसकता पैदा हो जाती है. इसी तरह मोटापा (obesity) भी नपुंसकता पैदा करता है. कुछ दवाइयाँ भी temporary या permanent नपुंसकता पैदा कर देती हैं. नपुंसकता के प्राइमरी कारण वे होते हैं जबकि असली समस्या सेक्स सम्बन्धी या सेक्स अंगों में ही होती है तो क्या हैं नपुंसकता के ये प्राइमरी कारण? नपुंसकता के प्राइमरी या मुख्य कारण: नपुंसकता यानि इरेक्टाइल डिसफंक्शन प्राइमरी रूप से तीन वजह से होती हैं: अधिक सेक्स (too much sex) अधिक आयु (age) नपुंसकता का आयुर्वेदिक उपचार (Treatment Of Erectile Dysfunction): वीर्य पौष्टिक चूरन पुरुषों में यौन प्रदर्शन में सुधार, प्रारंभिक उम्र बढ़ने के लक्षण, अवसाद, अनिद्रा, शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि, रात की गिरावट, दिल की कमजोरी, मस्तिष्क और मांसपेशियों, लिंग की ओर प्राकृतिक गर्मी, पूरे मानव तंत्र के लिए पुनरावृत्ति। सामान्य शारीरिक कमजोरी और व्यापक थकान, निराश कामेच्छा, नपुंसकता, तेलगोस्पर्मिया, एस्पर्मा, समयपूर्व स्खलन, असंतोषजनक यौन प्रदर्शन, कम रक्तचाप, एनीमिया, पीठ दर्द, संयुक्त दर्द और भूख की कमी। कैसे ले : दूध / पानी या चिकित्सक द्वारा निर्देशित दिन में दो बार 3 से 6 ग्राम।

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